युवा पीढ़ी द्वारा बुजुर्गों की अनदेखी समाज के लिए शुभ संकेत नहीं

▪ अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर व्योश्रेष्ठ सम्मान समारोह का हुआ आयोजन



चेनारी (रोहतास), गाथा न्यूज। अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर नेशनल सीनियर सिटीजन एसोसिएसन ने स्थानीय भरतलवा ग्राम में व्योश्रेष्ठ सम्मान समारोह तथा सम्मेलन का आयोजन कर शिवपूजन चौबे, रामचेला सिंह, नन्हकू सिंह, रामायण सिंह सहित अन्य बुजुर्गों को अंगवस्त्र एवं फूलमाला से सम्मानित किया, कार्यक्रम का उद्घाटन ई. शिवदयाल सिंह ने किया जबकि अध्यक्षता राजेन्द्र सिंह व संचालन शिवप्रसाद सिंह ने किया, कोरोना महामारी तथा अचार संहिता के कारण सादे समारोह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, रामायण पांडेय एलौन, सत्यनारायण स्वामी, मुखिया शिवमूरत सिंह, बीडीसी इम्तियाज आलम, बबन सिंह, शिवपूजन शास्त्री, सूर्यदेव पासवान बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए, मुख्य अतिथि श्री सुग्रीव प्रसाद सिंह ने कहा की विश्व में 80 करोड़ तथा भारत में 18 करोड़ बुजुर्गों की उपेक्षा राष्ट्रहित में नहीं होगा, ऑस्ट्रेलिया के शिकांगों शहर में 1982 में वृद्धावस्था पर एक विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें बुजुर्गों की जनसंख्या को ध्यान में रखकर विश्वभर के राजनेताओं ने उनकी स्थिति पर विचार विमर्श किया, वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1991 में विश्व स्तर पर बुजुर्ग दिवस मनाने की घोषणा की गई जबकि भारत में इसकी शुरुआत एक अक्टूबर 1999 में की गई, उन्होंने यह भी बताया की बुजुर्गों की समस्याओं को देखते हुए तत्कालिक समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मीरा कुमार के प्रयास से सीनियर सिटीजन एक्ट 56/2007 जैसा कानून भी बनाया गया है, वहीं गाजियाबाद (दिल्ली) के तत्कालिक एसपी अशोक मित्तल व रोहतास (बिहार) के एसपी विकाश वैभव द्वारा पुलिस थानों में सीनियर सिटीजन सेल का गठन कर स्थानीय स्तर पर वृद्धजनों को न्याय दिलाने का प्रयास किया गया है, उन्होंने कहा की बुजुर्गों की सेवा से यश एवं धन की वृद्धि होती है, बुजुर्ग समाज के सिरमौर व अभिभावक होते हैं लेकिन आज के युवापीढ़ी उन्हें अनदेखी कर रही है जो समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है, आज युवापीढ़ी अपने बुजुर्गों का सम्मान करेगी तभी इसका अनुसरण आने वाली पीढ़ी करेगी।


राष्ट्रीय महासचिव रामायण पांडेय एलोन ने कहा की कोरोना वायरस के कारण देश की परिस्थितियां अब बदल गई हैं, इससे वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सम्बन्धी तथा अन्य परेशानियां बढ़ गई हैं, सरकार के द्वारा उन्हें पर्याप्त सहायता नहीं मिल पा रही है ऐसे में संघ का दायित्व और बढ़ गया है, कोरोना के कारण अस्थाई रूप से बंद की गई वरिष्ठ नागरिकों का रेल किराया रियायत अब तक रेलवे ने चलाई जा रही रेलगाड़ियों में पुनः बहाल नहीं किया है, रेल किराया में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत तथा महिला यात्रियों को 50 प्रतिशत पहले की तरह रियायत पुनः बहाल कराने के लिए संघ का प्रयास जारी है, अगर जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा, वहीं बुजुर्गों के कई कल्याणकारी योजनाओं के आवेदन लम्बित हैं जिससे उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है, कई बुजुर्गों को उनके परिजनों द्वारा भी सताया जा रहा है, आधुनिकता के दौर में युवापीढ़ी अपने कर्तव्यों से विमुख हो रहे हैं उन्हें मार्ग पर लाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास संघ द्वारा किया जा रहा है, समारोह में शिवशंकर सिंह, सिपाही सिंह, रामायण सिंह, रामजी सिंह, रामनिवास दुबे, सुरेश तिवारी, कमेस्वर पांडेय, संजय कुमार सिंह, बिमल पांडेय, राजेन्द्र चौबे, राम आशीष चौबे, बैरिस्टर सिंह, रामगहन सिंह, झुरी पांडेय, वीरेंद्र पांडेय, रघुनाथ चौबे, कमेस्वर चंद्रवंसी, प्रबुद्ध सिंह ने भी अपने विचार रखे।